उस सूने से बंजर आकाश में, मेला कभी ऐसा न था। उस सूने से बंजर आकाश में, मेला कभी ऐसा न था।
दुनिया तो आज भी वैसी की वैसी है जैसी तुम्हारे आने से पहले थी। दुनिया तो आज भी वैसी की वैसी है जैसी तुम्हारे आने से पहले थी।
शोर मचाता रहता है दिल जब सामने तुम्हारा हसीन चेहरा होता है! शोर मचाता रहता है दिल जब सामने तुम्हारा हसीन चेहरा होता है!
परंतु यह सदा स्मरण रखना कि- जो अच्छा है, उसे सुनकर, सदा स्मरण रखना चाहिए। परंतु यह सदा स्मरण रखना कि- जो अच्छा है, उसे सुनकर, सदा स्मरण रखना चाहिए।
आज क्यूँ शोर में मेरा नाम सुनाई देता है मेरा रूठा प्रतिबिम्ब आज क्यूँ सबकी नज़रों में दिखाई देत... आज क्यूँ शोर में मेरा नाम सुनाई देता है मेरा रूठा प्रतिबिम्ब आज क्यूँ सबकी ...
क्योंकि कई बार मैं चाहता हूं अकेलेपन में भी तुमको सुनते रहना। क्योंकि कई बार मैं चाहता हूं अकेलेपन में भी तुमको सुनते रहना।